संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मल्लिका-ए-गजल बेगम अख्तर की स्मृति में दादरा/ठुमरी/गजल विधाओं में ऐसे प्रतिभावान गायक जिसने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्ठ आयाम स्थापित किए हों तथा राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया हो, जिसकी आयु 40 वर्ष से कम न हो, को “बेगम अख्तर पुरस्कार“ से सम्मानित किया जाना है, जिसके अंतर्गत चयनित कलाकार को 5 लाख रुपये की धनराशि एवं अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र भेंट स्वरुप प्रदान किया जाता है।
बेगम अख़्तर के नाम से प्रसिद्ध, अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी भारत की प्रसिद्ध गायिका थीं, जिन्हें दादरा, ठुमरी व ग़ज़ल में महारत हासिल थी। उन्हें कला के क्षेत्र में भारत सरकार पहले पद्म श्री तथा सन १९७५ में मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें “मल्लिका-ए-ग़ज़ल” के ख़िताब से नवाज़ा गया था।
बेगम अख्तर पुरस्कार हेतु पात्रताओं में कलाकार उत्तर प्रदेश का मूल निवासी अथवा उसकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश होनी चाहिए एवं कलाकार की आयु 40 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। बेगम अख्तर पुरस्कार में आवेदन करने हेतु कलाकार को अपनी प्रतिभा की दीर्घ साधना एवं श्रेष्ठ उपलब्धि को भरसक निर्विवाद मानदण्डों के आधार पर राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त होनी चाहिए। यह पुरस्कार कलाकार के गायन के क्षेत्र में सम्पूर्ण उपलब्धियों के आधार पर प्रदान किया जायेगा न कि किसी एक विशिष्ट संरचना के लिए। बेगम अख्तर पुरस्कार का उद्देश्य दादरा, ठुमरी एवं गज़ल के क्षेत्र में विशेष प्रतिभावान विशिष्ट गायक हो, जिसने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उत्कृष्ट आयाम स्थापित किया हो तथा राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया हो, को सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार संबंधी आवश्यक जानकारी एवं निर्धारित प्रारुप पत्र संस्कृति विभाग उ0प्र0 की वेबसाइट http://upculture.up.nic.in पर देखा जा सकता है। इस पुरस्कार से पुरस्कृत होने लिए निर्धारित प्रारुप पर दिनांक 25 दिसम्बर 2024 सायं 5 बजे तक निदेशक, संस्कृति निदेशालय उ0प्र0 जवाहर भवन नवम् तल लखनऊ के कार्यालय में जमा किया जा सकता है।