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हमें शरीर के बिकारों से बचने के लिए अपने – आपको आत्मा समझना चाहिए। हमें शरीर में रहना है , पर आत्मा बनकर रहना है। ऐसा बनकर अगर हम शरीर में रह सके , तो हम इस शरीर के माध्यम से अपने जीवन में अपनी आत्मा को मोक्ष-प्राप्ति तक अवश्य पहुँचा पाएँगे। और प्रत्येक आत्मा का अंतिम लक्ष्य मोक्ष पाना है। उसी के लिए आत्मा ने यह शरीर का आवरण ओढा़ हुआ है , यह बात हमें सदैव याद रखनी है।