*भगवती हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर अभिषेक मित्तल कितने दोषी
*क्या कर रही है शहर की पुलिस, संवेदनशील मामलों में क्या है पुलिस की भूमिका




मुरादाबाद,
ज्ञात हो कि 9 जनवरी 2025 को समय 11 बजे से अपना दल (K) के पदाधिकारी पीड़िता के साथ जिलाधिकारी/एसएसपी कार्यालय मुरादाबाद पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठकर थाना कुंदरकी में दर्ज मु.अ. स.0177/2024,धारा 376D,313,506 आईपीसी की अग्रिम विवेचना कराने व सभी अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी उक्त मामले में एक प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय पर भी दिया गया था जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश हुआ है कि मामले की गंभीरता पूर्वक जांच करें
ज्ञात हो कि झोलाछाप अब्दुल्ला पठान (जो कुंदरकी स्थित अपने अवैध दवाखाने में सेक्स बर्धक,मोटा-पतला व बच्चा पैदा करने,रसौली,किडनी,दिल,गुर्दा,फेफड़े आदि सभी प्रकार का इलाज कर लोगो को ठगता रहा है, और साइंस/विज्ञान फैल कर दिया है ने अपने दवाखाने में एक युवती को नौकरी पर रख कर रेप किया उसकी न्यूड वीडियो बनाकर ढाई-तीन साल तक बंधक बना कर रेप करता रहा,उसके सगे भाई अब्दुल मलिक व अब्दुल मलिक के दोस्त ने भी रेप किया और गर्भवती होने पर अब्दुल्ला पठान ने अपने परिचित डॉक्टर अभिषेक मित्तल द्वारा थाना गलशहीद अंतर्गत गांधी नगर में स्थित भगवती हॉस्पिटल में बड़े आपरेशन से 7 माह का गर्भपात करा दिया
इस मामले में इन पर थाना सिविल लाइन में मु.अ.स.012/2016,धारा 420,15(1),15(2), मु.अ.स.0231/2017,धारा 420,15(1),15(2) दर्ज हुआ
आरोपी ने पुलिस से साठ गांठ कर उक्त केस में एफआर लगवा ली है,अपना दल (K) के पदाधिकारियों ने पीड़िता को न्याय दिलाने हेतु एसएसपी,जिलाधिकारी कमिश्नर,डीआईजी कार्यालय मुरादाबाद,एडीजी जोन बरेली कार्यालय पर धरना/प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए कार्यवाही न होने पर 8/11/2024 को जिलाधिकारी/एसएसपी कार्यालय मुरादाबाद पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे तब एसपी देहात महोदय ने कार्यवाही का आश्वासन देकर धरना स्थगित करा दिया मगर कार्यवाही नहीं की,दोबारा 2 दिसंबर को जिलाधिकारी/एसएसपी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन भूंख हड़ताल पर बैठे तब 3 दिसंबर को कप्तान साहब ने कार्यवाही का आश्वासन दिया जबकि आरोपी व उसके रिश्तेदार पीड़िता के ऊपर जानलेवा हमले कर/करा रहे हैं और जान से मारने की कोशिश कर/करा रहे हैं/धमकी दे रहे हैं इस मामले में अब मुख्यमंत्री कार्यालय से स्पष्ट आदेश आए हैं कि तत्काल इस मामले को देखें और गहनता से जांच करें देखें पुलिस अब कितनी कार्रवाई करती है और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को क्या जवाब मिलता है यह भी हो सकता है कि पीड़िता की संतुष्टि पूर्ण कार्यवाही ना हो सके और पीड़िता फिर भूख हड़ताल पर बैठ जाए