16वीं शताब्दी में आल्हा-ऊदल ने एक ही छलांग में भवन की दूसरी मंजिल की दीवार पर 50 फीट ऊपर दीवार पर टांगा था चक्की का पाट, आज गिर गया*
संभल
उत्तर प्रदेश में जिला संभल अपनी कई ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है जिसमें संभल का ऐतिहासिक हरिहर मंदिर के साथ आल्हा और ऊदल के किस्से मशहूर है इनके द्वारा 50 फीट ऊपर दीवार पर टंगा गया चक्की का पाट भी शामिल है बताया जाता है की 16 वीं शताब्दी में संभल के राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी थी पृथ्वीराज चौहान ने राजा जयचंद की बेटी संयोगिता का अपहरण कर लिया था तो राजा जयचंद ने बेटी संयोगिता का पता लगाने के लिए अपने दो योद्धा अल्हा और उदल को संभाल भेजा था कहते हैं की मुख्य बाजार की कोतवाली रोड पर जिस भवन की दूसरी मंजिल पर यह चक्की का पाट टांगा गया था उसकी दूसरी मंजिल पर ही संयोगिता को छुपा कर भी रखा गया था पृथ्वीराज चौहान के सैनिक उसकी रखवाली करते थे मान्यता है कि योद्धा आल्हा और उदल करतब दिखाने वाले नट के भेेस में संयोगिता का की खोजबीन करने संबल आए थे और उसी भवन की दूसरी मंजिल पर संयोगिता को छुपा कर रखा गया था संयोगिता को देखने के बहाने से ही आल्हा ने करतब दिखाने के बहाने ही पास ही पड़ा चक्की का पाट उठाकर एक छलांग में ही 50 फीट ऊंची दीवार पर टांग दिया और इसी बहाने राजकुमारी संयोगिता को भी देख लिया इस तरह संभल में आए आल्हा और उदल ने करतब दिखाते हुए विशाल आकार चक्की का पाट 50 फीट ऊपर किल में टांग दिया था लेकिन पुरातत्व विभाग की लापरवाही से आज भवन खंडहर हो चुका है कई वार बारिश की वजह से इसका मालवा धीरे-धीरे गिरने लगा था प्रशासन संभल की ऐतिहासिक धरोहर की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है जबकि कई प्रकार के सामाजिक संगठनों के द्वारा ज्ञापन भी देकर उक्त भवन की देख रेख के लिए प्रशासन को अवगत कराया जा चुका था बुधवार 18/9/24 की रात तेज बूंदाबांदी व हवाओं के कारण लगभग रात्रि 10:30 बजे भवन की दीवार गिर गई और 16वीं शताब्दी में आल्हा ऊदल के द्वारा छलांग लगाकर 50 फीट ऊपर की दीवार पर लटकाया गया चक्की का पाट कील समेत नीचे गिर गया फिलहाल शहर कोतवाल अनुज कुमार तोमर मौके पर पहुंचे और चक्की के पाट के साथ कील को भी अपने कब्जे में ले लिया