
दिल्ली
7 जनवरी, 2025 को देशभर के सूचना आयोगों में रिक्त पदों से संबंधित मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और विभिन्न राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में रिक्त पदों की स्थिति का संज्ञान लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को पर्याप्त संख्या में आयुक्तों की नियुक्ति करने के लिए विशिष्ट और समयबद्ध निर्देश दिए हैं।
सीआईसी के लिए कोर्ट ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के संयुक्त सचिव को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें चयन प्रक्रिया पूरी करने की समयसीमा बताई जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि जिन उम्मीदवारों ने विज्ञापन के जवाब में आवेदन नहीं किया है, उन्हें नियुक्ति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार को सर्च कमेटी के सदस्यों और उन उम्मीदवारों की सूची का खुलासा करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने इसके पहले के निर्देशों के अनुसार आवेदन किया है। वर्तमान में आयुक्तों के 8 पद रिक्त हैं, जबकि 23,000 से अधिक मामले लंबित हैं। झारखंड एसआईसी के 4 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए न्यायालय ने विधानसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल को निर्देश दिया है कि वह अपने निर्वाचित सदस्यों में से किसी एक को मुख्य और सूचना आयुक्तों के पद पर चयन के सीमित उद्देश्य के लिए चयन समिति के सदस्य के रूप में नामित करे। इसने सूचना आयुक्तों का चयन 9 सप्ताह के भीतर करने का निर्देश दिया है। अन्य राज्यों के लिए, जहां चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है, निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं-
i. आवेदकों की सूची एक सप्ताह के भीतर अधिसूचित की जाएगी;
ii. आवेदकों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए निर्धारित मानदंडों के साथ खोज समिति की संरचना एक सप्ताह के भीतर अधिसूचित की जाएगी;
iii. साक्षात्कार पूरा करने की समय सीमा अधिसूचित की जाएगी। यह खोज समिति की संरचना और आवेदकों को शॉर्टलिस्ट करने के मानदंडों की अधिसूचना की तारीख से छह सप्ताह से अधिक नहीं होगी;
iv. सिफारिशें प्राप्त होने पर सक्षम प्राधिकारी दो सप्ताह के भीतर जांच करके नियुक्तियां करेगा।
मुख्य सचिवों को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
न्यायालय ने सभी राज्यों को रिक्त पदों का विवरण तथा प्रत्येक आयोग के समक्ष लंबित मामलों की संख्या का खुलासा करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में अपने पहले के फैसले में सूचना आयोग में समयबद्ध तथा पारदर्शी नियुक्तियां सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए थे। न्यायालय ने कहा था कि पर्याप्त संख्या में आयुक्तों के साथ सूचना आयोगों का समुचित संचालन आरटीआई अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की कुंजी है।
याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व प्रशांत भूषण तथा राहुल गुप्ता ने किया।
मामला अब 4.3.2025 के लिए सूचीबद्ध है।