
दोषी लिपिक धर्मेंद्र कुमार को पांच वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है।
7 जुलाई 2011 को शिक्षक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों ने बीएसए अमरोहा को शिकायती पत्र दिया था, जिसमे बीएसएस दफ्तर में तैनात लिपिक धर्मेंद्र कुमार की शिकायत की थी और कई तरह से पैसे के लेने के गंभीर आरोप लगाये थे
मामला बरेली की भ्रष्टाचार निवारण द्वितीय की विशेष अदालत में चला। जहां पर अदालत ने वादी और परिवादी दोनों पक्षों को सुना परिवादी साक्ष्य देने में सफल नहीं हो सका। फलस्वरूप बरेली की भ्रष्टाचार निवारण द्वितीय की विशेष अदालत ने मुरादाबाद बीएसएस दफ्तर में तैनात धर्मेंद्र कुमार दो दोषी पाया। बताते हैं कि इस मामले में दोषी लिपिक धर्मेंद्र कुमार को सश्रम पांच वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है।