थाना पनकी कानपुर
इसी 10 सितंबर 2024 की बात है.. दोपहर करीब 1:00 बजे होंगे….समाजसेवी विवेक शुक्ला के द्वारा सूचना प्राप्त होती है की डूडा कॉलोनी में कोई मानसिक रूप से पागल व्यक्ति टहल रहा है ..जिसके हाथ व पैर में भयंकर घाव है …सूचना के कुछ समय बाद मैं और विवेक यथा स्थान पर थे… मानसिक रूप से पागल व्यक्ति को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उसके हाथ और पैर से खाल चूँ चूं नीचे गिर रही हो …इस व्यक्ति के इर्द-गिर्द खड़ा होना बेहद मुश्किल था ,क्योंकि इस व्यक्ति के शरीर से घाव के कारण भयंकर बदबू आ रही थी ….विवेक द्वारा फोन किया गया तो कुछ समय बाद थाना पनकी की स्थानीय पुलिस पहुंची और उसके कुछ समय बाद एम्बुलेंस भी वहां पहुंची …. अब सबसे बड़ा सवाल यह था कि आखिरकार इस मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को एंबुलेंस में कौन चढ़ाएगा ? इस बात का मोर्चा संभालने के लिए समाजसेवी विवेक शुक्ला वा थाना पनकी के रतनपुर चौकी में तैनात उप निरीक्षक अमित ने मोर्चा संभाला …और कड़ी में मशक्कत के बाद इस मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस में चढ़ाने में सफलता हासिल करी …कुछ समय बाद इस मरीज को कल्याणपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया ..कुछ समय बाद मैं और विवेक भी कल्याणपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच गए ….वहां पर हम लोगों को वह एंबुलेंस तो खड़ी मिली … जिस पर बैठकर वह मरीज पनकी से कल्याणपुर के लिए रवाना हुआ था …लेकिन इस एंबुलेंससे वह पागल रूप से बीमार व घायल व्यक्ति गायब था ….अस्पताल के डॉक्टर व एंबुलेंस चालक सहित उसका सहकर्मी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे …कि इनकी वजह से या उनकी वजह से यह मरीज एंबुलेंस से भाग गया …एंबुलेंस के ड्राइवर या अस्पताल के कर्मचारियों में से किससे इतनी बड़ी चूक हो गई की मरीज अस्पताल छोड़कर भाग गया …या भगा दिया गया …यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि अगर यह मरीज अपना रोग औरों तक फैलता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ?
अगर इस मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के कारण रोड पर एक्सीडेंट होता तो इसका जिम्मेदार कौन होंगा ?
अगर आने वाले दिनों में इसी व्यक्ति की लावारिस लाश मिलेगी तो जिम्मेदार कौन होगा ? असल हत्यारा कौन होगा ?जवाब केवल एक है अस्पताल के कर्मचारी या एंबुलेंस को चलाने वाला चालक या फिर उसका सहकर्मी !
विकास बाजपेई की कलम से