
मुरादाबाद ,
66 अग्नि शमन कर्मचारी की शहादत पर मनाया जाता है यह अग्नि शमन सप्ताह
14 अप्रैल 1944 को मुंबई में बंदरगाह पर हुए एक हादसे में 66 फायरफाइटर कर्मचारियों का बलिदान हुआ था इसी के चलते 14 अप्रैल से 16 अप्रैल तक अग्निशमन अधिकारी उन दिवंगत कर्मचारियों की याद में अग्नि सुरक्षा सप्ताह मानते चले आ रहे हैं


यह वास्तविक सच्चाई है की आग लगने के कारण सैकड़ो की तादाद में मासूम अपनी जान गंवा बैठते हैं इसमें मानव ही नहीं अन्य जीव जंतु भी शामिल हैं आग लगने की वजह से जीव जंतु भी जिंदा अपने प्राण गंवा देते हैं और आग लगने से जान माल का नुकसान तो होता ही है साथ में संपत्ति और धन हानि भी होती है इसी के चलते महानिदेशक अग्निशमन लखनऊ के आदेश अनुसार प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है और इसमें प्रत्येक जिले में आग लगने के बाद किस तरह से कार्य किया जाए इसकी ट्रेनिंग दी जाती है, और जागरूकता के कैंप भी लगाए जाते हैं जनता को जागरुक भी किया जाता है इसी क्रम में बहु मंजिला इमारतें शॉपिंग कंपलेक्स स्कूल अस्पताल व अन्य परिसर जिसमें की कोई अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था नहीं है उन पर ध्यान केंद्रित कर उन्हें जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है और साथ ही साथ आकस्मिक आग लगे के कारण से कैसे बचें कई प्रकार की ट्रेनिंग भी दी जा रही है