मुरादाबाद ,
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बताया कि शीतलहरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के दृष्टिगत निराश्रित, आश्रयहीन एवं असहाय तथा कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को शीतलहरी से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सी0आर0एफ0 गाईडलाईन के अनुसार यथोचित राहत पहुँचाने हेतु निर्देश पूर्व से निर्गत है।
दिनांक 08.04.2015 द्वारा जारी गाईड लाईन के आईटम नं0 3(क) के प्राविधान-राहत कैम्प में सुरक्षित बचाकर लाये गये व्यक्तियों/शरणार्थियों/प्रभावितों के अस्थाई आवास, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा सुविधा आदि की व्यवस्था किये जाने का प्राविधान किया गया है।
जिलाधिकारी ने कम्बल वितरण के लिए निर्देशित किया कि निर्बल, निराश्रित एवं असहाय तथा कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों में से चिन्हीकरण किया जाय। 80 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष व महिला तथा दिव्यांग व्यक्तियों का शत-प्रतिशत चिन्हीकरण किया जाय। नगरीय क्षेत्र मलिन बस्तियों व ग्रामीण क्षेत्रों के पिछड़े मजरो में निवास करने वाले विशेषकर कमजोर वर्ग के वृद्ध,बीमार पुरुष/महिला, निराश्रित एवं असहाय को प्राथमिकता दी जाये।
जिलाधिकारी ने रात्रि में भी जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से भी पात्रों को कम्बल आदि का वितरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। इस प्रयोजन हेतु स्थानीय नगर निकाय अपने-अपने तहसील/खण्ड विकास कार्यालय से समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करेगी कि अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी के कारण किसी की मृत्यु, भोजन, वस्त्र, आश्रय एवं सुविधा के अभाव से न हो। निःशुल्क कम्बल प्राप्त करने वालों का विवरण राहत पोर्टल पर अगले दिन तक शत-प्रतिशत फीड करा दिया जाय।
जनपद मुरादाबाद तराई क्षेत्र है जो मुख्यता तीन महत्वपूर्ण नदियों से घिरे होने के कारण घने कोहरे एवं शीतलहर से प्रभावित होता है। शीतलहर एवं घने कोहरे के कारण जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं, अग्निकाण्ड इत्यादि अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके दृष्टिगत व्यापक रूप में होने वाली जन-धन की हानि को न्यून करने हेतु विभागवार निम्न कार्य ससमय पूर्ण किया जाना अपेक्षित है।
1 -सड़कों की मरम्मत एवं अन्य कार्यः-
जिलाधिकारी ने कहा कि अधिशासी अभियन्ता लो0नि0वि0 सड़को में बने गड्ढों का मरम्मत कार्य तत्काल पूर्ण कराया जाय। साथ ही डिवाइडर की मरम्मत एवं मानक के अनुसार उनका रंग-रोगन कार्य पूर्ण हो। विभिन्न प्रकार के सड़क की सतह का अंकन (Road Surface Marking) गतिरोधकर्, Zebra Crossing आदि पर पेंटिग का कार्य निर्धारित मानक के अनुसार सुनिश्चित हों। सड़को के किनारे रेडियम पट्टी, दिकपरिर्वतन सूची आदि कार्य कराये तथा अति संवेदनशील स्थल जहाँ पर प्रायः दुर्घटनाएं होती हों, को सूचीबद्ध कर दुर्घटना अवरोधक/रक्षात्मक कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
2-प्रकाश बिन्दुओं की मरम्मतः-
जिलाधिकारी ने कहा कि अधिशासी अभियन्ता नगर निगम को निर्देशित किया कि सड़को एवं मोहल्लों में स्थापित प्रकाश बिन्दु जो कि खराब व क्षतिग्रस्त है, उन्हे तत्काल ठीक करायें व रेड लाईट का प्रयोग अधिक हो यह सुनिश्चित करें। साथ ही निर्धारित समयानुसार उनके चालू एवं बन्द होने का कार्य सुनिश्चित हों।
3-वाहनो पर चेतावनी स्टीकर (रेडियम)ः-
जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग, रोडवेज एवं संभागीय परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त वाहनों (चार पहिया, दो पहिया, ट्रैक्टर ट्राली, कम्बइन हार्वेस्टर, स्कूल वाहन, ट्रक, टैम्पों, परिवहन निगम एवं अनुबन्धित बसों पर), एवं नगर निगम/नगर निकायों में स्थित टैक्सी स्टैण्डों पर आ रहे वाहनों पर रिफ्लेक्टर नारंगी रंग का चेतावनी स्टीकर (रेडियम), अभियान एवं प्रर्वतन करते समय सम्बन्धित वाहनों पर लगवाना सुनिश्चित करें, जिससे कि वाहनों के मध्य उचित दूरी बनी रहे तथा दुर्घटनाओं को न्यून किया जा सके।
4-अलाव एवं कम्बल की व्यवस्थाः-
जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी एवं अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि शासन के सहयोग से महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जानी है। ऐसे स्थलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध कर लें एवं जिन स्थानों पर अलाव जलाये जाने है उस स्थल का नाम अक्षांश व देशान्तर के साथ उपलब्ध करायें। साथ ही अपने कार्यक्षेत्र में लेखपाल/ग्राम विकास अधिकारी/सुपर वाइजर के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों व सामाजिक कार्य में रूचि रखने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए स्वेच्छा से आवश्यक स्थलों पर अलाव जलवाने तथा निराश्रितों को कम्बल वितरण हेतु प्रेरित करें।
5-रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधनः-
जिलाधिकारी ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए कि विभाग द्वारा संचालित रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि समस्त रैन बसेरे गुणवत्तापूर्ण ढंग से नियमित रुप से क्रियाशील रहें एवं समस्त तहसीलों में पूर्व से स्थापित बन्दीगृह का उपयोग अस्थायी रैन बसेरा के रूप में सुनिश्चित करें तथा इस सम्बन्ध में रैन बसेरों से सम्बन्धित 15 बिन्दु तथा 07 कॉलम की सूचना पर समस्त उपजिलाधिकारी/तहसीलदार एवं समस्त अधिशासी अधिकारी नगरीय निकाय 07 दिन के अन्दर वाछित सूचना उपलब्ध कराये।
6-अग्निकाण्डः-
जिलाधिकारी बताया कि प्रायः ग्रामीण अंचल में ग्रामीणो द्वारा जलाये जाने वाले अलाव को ठीक ढंग से न बुझाने के कारण अग्निकाण्ड की घटनाएं घटित हो जाती है। जिलाधिकारी ने उक्त के दृष्टिगत अग्निशमन विभाग द्वारा मुख्यालय एवं तहसीलों में स्थापित उपकेन्द्रों को आवश्यक संसाधनो सहित 24ग्7 कियाशील रखे जाने के निर्देश दिए। साथ ही लेखपाल/ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित कर अग्नि से बचाव हेतु नागरिकों को जागरूक करें।
7-बीमारियों से बचावः-
शीतलहर के कारण आम जन को अनेक प्रकार की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती हैं। विशेषकर सर्दी, जुकाम, बुखार, पेट सम्बन्धी बीमारी आदि से बचाव हेतु समस्त पी0एच0सी0/सी0एच0सी0, एवं जिला मुख्यालय पर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हो तथा स्वास्थ्य केन्द्रों को किसी भी प्रकार की घटनाघटित होने पर 24ग्7 कियाशील रहने हेतु निर्देशित किया जाय।
9-विद्यार्थियों को जागरूक किया जानाः-
विद्यालयों में विद्यार्थियों को शिक्षकों के माध्यम से ठण्ड से बचाव हेतु किये जाने वाले उपायों, खान-पान के विषय में प्रशिक्षित व जागरूक किया जाय। साथ ही उक्त जानकारी पोस्टर इत्यादि के माध्यम से प्रदर्शित किया जाये।